शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

भारत का सबसे बडा परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र कौन-सा है और कहाँ पर स्थित है ? (WHAT IS INDIA'S LARGEST NUCLEAR POWER PLANT AND WHERE IS IT LOCATED ?) - UNIQUE HINDI POST


भारत का सबसे बडा परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र कौन-सा है और कहाँ पर स्थित है ? (WHAT IS INDIA'S LARGEST NUCLEAR POWER PLANT AND WHERE IS IT LOCATED ?)



भारत के सबसे बडे परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र के बारे मे (INDIA'S BIGGEST NUCLEAR POWER PLANT) :-


भारत का सबसे बडा परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र तमिलनाडु के जिले तिरुनेलवेली के कुडनकुलम मे स्थित है जिसका नाम कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र(KUDANKULAM NUCLEAR POWER PLANT) है। कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र मे 2 ईकाईया अथवा युनिट है जिसमे कुल मिलाकर 2000 मेगावाट(MW) की बिजली निर्माण करता है। दोनो ईकाईयो/युनिट की लागत कुल मिलाकर 13,171 करोड थी लेकिन बाद मे इसे संशोधित कर 17,270 करोड कर दिया गया अथवा इसमे दो और ईकाई/युनिट(UNIT) निर्माण करने का निश्चय किया गया जिसके बाद फरवरी,2016 मे इसमे ईकाई/युनिट 3 और 4 की जमीन तोड समारोह का आरम्भ किया गया जिसकी लागत कुल मिलाकर 40,000 करोड तक है। इसका निर्माण कार्य 31 मार्च,2002 मे न्युक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(NUCLEAR POWER CORPORATION OF INDIA) द्वारा किया गया और उन्होने इसे दिसंबर 2007 तक इसका निर्माण कार्य पुरा करने की अवधि दी और बाद मे उन्होने भविष्यवाणी की कि इसका निर्माण कार्य इससे भी जल्दी होगा जो की मार्च,2007 तक दि गई अथवा यह भी बताया की इसकी पहली ईकाई इस अवधी मे आरम्भ होगी और इस समय इस परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र मे छह रिएक्टर है। 14 जनवरी,2004 मे कुडनकुलम मे एक छोटा बंदरगाह का निर्माण कराया गया जिसकी स्थापना पानी के रिएक्टर उपकरण ले जानेवाले बजरो को प्राप्त करने के लिए की गई थी अथवा इसमे और ईकाई बढाने का निश्चय हो रहा है इस वर्ष 2020 मे 5 और 6 के निर्माण की उम्मीद थी लेकिन अभी तक इसपर कोई टिप्प्णी नही दी गई है।

2019 मे कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र मे एक साइबर अटैक(CYBER ATTACK) किया गया जिसे लजारस ग्रुप द्वारा किया गया था जिसके बाद यह पुख्ता किया गया की और बताया गया की यह साइबर अटैक प्रुफ है।

इस सन्यंत्र को बनाना बहुत बडा विवाद था क्योंकी इसे लेकर स्थानीय मछुआरे आदोलन(PROTEST) कर रहे थे और वह इसके विरोध मे भी थे जिसके कारण इसका निर्माण कार्य तय समय पर पुरा नही हुआ।( हम यहाँ निर्माण कार्य का उल्लेख कर रहे है ईकाई/युनिट आरम्भ करने का नही)






रविवार, 26 जुलाई 2020

विश्व का सबसे बडा परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र कहा है ?(WHERE IS WORLD'S BIGGEST NUCLEAR POWER PLANT) - UNIQUE HINDI POST


विश्व का सबसे बडा परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र कहा है ?(WORLD'S BIGGEST NUCLEAR POWER PLANT)



विश्व के सबसे बडे परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र के बारे मे


सबसे बडे परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र का नाम (NAME OF NUCLEAR POWER PLANT) :-

काशिवाजाकी-करिवा न्युक्लेअर पावर प्लांट (KASHIWAZAKI-KARIWA NUCLEAR POWER PLANT)

यह कहाँ पर स्थित है (ADDRESS OF POWER PLANT) :-

नीगाटा प्रेफेक्चर(प्रांत),जापान (NIIGATA PREFECTURE,JAPAN)

यह किसके स्वामित्व मे है (OWNER) :-

टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कम्पनी (TOKYO ELECTRIC POWER COMPANY)

इस परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र की कुल क्षमता (TOTAL CAPACITY) :-

7965 मेगावाट (Megawatt)

इसका आरम्भ कब किया गया (OPENING DATE) :-

18 सप्टेम्बर,1985(18 SEPTEMBER,1985)

इसका कुल क्षेत्रफल (SITE) :-

1000 एकड/4.2 घनकिलोमीटर (1000 ACRE/4.2 SQUARE KILOMETRE)



विश्व का सबसे बडा परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र जापान के नीगाटा प्रेफेक्चर(प्रांत) मे स्थित है और इसका नाम काशिवाजाकी-करिवा न्युक्लेअर पावर प्लांट (KASHIWAZAKI-KARIWA NUCLEAR POWER PLANT) है। इस परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र की कुल क्षमता 7965 मेगावाट है और इस परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र की 7 ईकाई/युनिट है जिसमे पांच 1100 मेगावाट और दो 1356 मेगावाट की क्षमतावाले ईकाई/युनिट लगे हुए है। इस परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र(NUCLEAR POWER PLANT) का निर्माण कार्य सन 1980 मे आरम्भ हुआ और इसके पहले युनिट को सप्टेंबर,1985 से व्यवसायिक संचालन आरम्भ किया गया और इसके अंतिम युनिट को सन 1997 को जुलाई से व्यवसायिक रुप से संचालित किया गया। इस परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र पर टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कम्पनी (TOKYO ELECTRIC POWER COMPANY) का स्वामित्व है अथवा यह इसके मालिक है। जुलाई,2007 मे आए भूकंप के केंद्र से यह परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र सिर्फ 19 किलोमीटर दुर था और इस भुकंप ने इसकी आधार और संरचना को हिला दिया था और जब भुकंप के बाद इसका निरिक्षण किया गया था तब यह पता चला की इसे आरम्भ करने के लिए इसका अधिक से अधिक भुकंप-रोधी बनाना होगा जिसके बाद यह 21 महिनो तक बंद रहा और उसके बाद मई,2009 को इसकी युनिट संख्या 7,1,5 और 6 फिर शुर किया और बचे हुए शेष 2,3,4 को शुरु नही किया गया और इसके बाद मार्च,2011 को एक और भुकंप आने के कारण इसे पुरी तरह बंद कर दिया गया और यह वर्तमान समय मे भी बंद है और इसे 2021 तक आरम्भ करने की आशंका है।





इस लेख मे ली गई सभी जानकारी का स्त्रोत WWW.TEMPO.CO.JP इस वेबसाइट से ली गई है यदि आपको इसके बारे मे और अधिक जानकारी चाहिए तो आप नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके सीधे इनकी ऑफिशियल वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे।



शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

विश्व के सबसे पहले विडियो गेम को किस व्यक्ति ने बनाया था और कब ( WHO IS THE INVENTOR OF FIRST VIDEO GAME AND WHERE )(William Higinbotham) - UHP


विश्व का सबसे पहला विडियो गेम किसने बनाया और वह कैसा दिखाई देता था ? (WHO MADE THE WORLD'S FIRST VIDEO GAME AND WHAT DID IT LOOK LIKE ?)



विश्व के पहले विडियो गेम(VIDEO GAME) और इसे बनानेवाले के बारे मे


पहला विडियो गेम बनानेवाले का नाम(GAME-MAKER'S NAME) :-

विलियम हिंगिंबोथम (WILLIAM HINGINBOTHAM)

पहले विडियो गेम का नाम (WORLD'S FIRST GAME NAME) :-

टेनिस फॉर टु (TENNIS FOR TWO)

कब बनाया और कहाँ (WHEN MADE & WHERE) :-

अक्टुबर,1958 को ब्रूकहवेन नेशनल लॅबोरटॉरी ओपन हाऊस (BROOKHAVEN NATIONAL LABORATORY OPEN HOUSE)

बनानेवाले की जन्मतिथि और स्थान (MAKER'S BIRTHDATE AND PLACE) :-

25 अक्टुबर,1910 मे ब्रिड्जपोर्ट,कनेक्टीकट [BRIDGEPORT,CONNECTICUT(CT) ]



विलियम हिंगिंबोथम ने पहला विडियो गेम बनाया था जो की 1970 के गेम पोंग(PONG) से बहुत मेल खाता था और यह काफी प्रसिद्ध था ब्रूकहवेन नेशनल लॅबोरटॉरी ओपन हाऊस मे। विलियम हिंगिंबोथम विलियम्स कॉलेज(William's Collage) से ग्रेजुएट हुए थे सन 1932 मे और इसके बाद कॉरनेल युनिवर्सिटी मे उन्होने भौतिकीशास्त्र(Physics) की पढाई की। कॉरनेल युनिवर्सिटी(Cornell University) मे उन्होने ग्रेजुएट विद्यार्थी होकर इलेक्ट्रोनिक्स टेकनीशियन के रुप मे कार्य किया। 1941 मे वह एमआईटी(MIT) रेडिएशन लैब मे सम्मिलित हुए उन्होने वहाँ रडार सिस्टम के लिए कैथोड रे ट्यूब डिस्प्ले पर काम किया इसके बाद उन्होने 1943 मे परमाणु बम के लिए एक समय प्रणाली के इलेक्ट्रानिक्स पर काम करने लॉस अलमोस(Los Almos) चले गए। 1948 मे उन्होने ब्रुकहवेन नेशनल लॅबोरॅटरीज इंस्ट्रुमेंटेशन ग्रुप से जुड गए और वह इस ग्रुप मे अध्यक्ष(HEAD) रहे और उनका कार्यकाल 1948 से 1968 तक चला और इन्ही वर्षो मे उन्होने विडियो गेम का आविष्कार किया अथवा उसे बनाया।

विश्व के सबसे पहले गेम के पीछे का इतिहास






उस समय ब्रुकहवेन ने वार्षिक आयोजन किया था जहाँ हजारो लोग आनेवाले थे जहाँ हिंगिंबोथम की जिम्मेदारी थी की वह इंस्ट्रुमेंटेशन डिवीजन के काम को लोगो के सामने प्रदर्शित करे लेकिन मौजुदा समयतक आयोजन बहुत सुस्त हो रहे थे जब उन्होने सोचा की वह एक इंटरएक्टिव प्रदर्शन करेंगे जिसके बारे मे उन्होने ने एक मॅगजीन मे भी बताया था। इसके बाद उहोने इंस्ट्रुमेंटेशन समुह से एक एनालॉग कम्प्युटर का भी उपयोग किया उन्हे इस गेम के बारे मे सोचने के लिए और इसपर कार्य आरम्भ करने के लिए अधिक समय नही लगा और यही से "टेनिस फोर टु" गेम को बनाने की प्रक्रिया को आरम्भ किया। हिंगिबोथम ने चार कम्प्युटरस ऑपरेशनल एम्पलीफायर(Computer Operational Amplifiers) का उपयोग गेंद की गति को उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया और बाकी छ्ह एम्पलीफायर का उपयोग उन्होने तब प्रतिक्रिया करने के लिए बनाया जब गेंद जमीन या नेट पर टकराए और तभी वह व्यक्ति या खिलाडी के रिमोट को एक्टिव करके उस खिलाडी की आज्ञा को स्वीकार करे। आरम्भ मे इस गेम को 5 इंच की स्क्रिन पर दिखाया जाता था लेकिन बाद मे इसे 10 अथवा 17 इंच के गोल स्क्रीनपर सेट कर दिया गया।








कुछ अधिक जानकारी :- पोस्ट मे दिखाए गए सभी चित्र और फोटो WWW.BNL.GOV इस वेबसाइट से लिए गए है और जानकारीया भी इसी वेबसाइट से ली गई है अगर आपको इनके बारे मे और अधिक जानकारी चाहिए तो आप इनकी वेबसाइट को देखे। आप नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आप इस वेबसाइट पर तुरंत जा सकते है।



बुधवार, 22 जुलाई 2020

विश्व का सबसे बडा मंदिर भारत मे नही इस देश मे है जानिए इस मंदिर के बारे मे ( BIGGEST TEMPLE IN THE WORLD NOT IN INDIA/BHARAT ) - UHP


विश्व का सबसे बडा मंदिर कौन-सा है और कहाँ है ?





विश्व का सबसे बडा मंदिर कहाँ है ? (Where is World's Largest Temple)


विश्व का सबसे बडा मंदिर भारत मे नही है यह मंदिर भारत के बाहर है और इस मंदिर को 12वी शताब्दी मे निर्माण कराया गया था और यह मंदिर कम्बोडीया मे स्थित है और यह बडा होने के साथ-साथ सुंदर भी है अथवा इसके साथ-साथ यह एक विश्व धरोहर भी है। मंदिर का नाम "अंग्कोर वट(ANGKOR WAT)" है और कम्बोडिया(COMBODIA) देश के ध्वज के मध्य मे इस मंदिर को दर्शाया गया है अथवा इस मंदिर का चित्र ध्वज पर दर्शाया गया है। अंग्कोर वट मंदिर लगभग 402 ऐकड मे फैला हुआ है और इसके परिसर मे लगभग 1 हजार मंदिर है,अंग्कोर वट मंदिर वर्तमान समय मे बौद्ध धर्म को समर्पित है यह पहले एक हिंदु मंदिर था हम आपको इसके बारे मे आगे-आगे बताएंगे |




अंग्कोर वट मंदिर का प्राचीन इतिहास ( Ancient History Of ANGKOR WAT Temple


अंग्कोर वट मंदिर कम्बोडिया के सियाम्रेब के पास अंग्कोर मे स्थित है। अंग्कोर वट मंदिर को 12वी शताब्दी मे राजा सुर्यवर्मन द्वितीय द्वारा बनाया गया था उनका शासनकाल सन 1113-1150 तक था। अंग्कोर नगर यह शाही लोगो का केंद्र था जिसपर खमेर के राजाओ के एक राजवंश ने राज्य किया जो की इतिहास मे सबसे समृद्ध,परिष्कृत और सबसे बडे राज्यो मे से एक था। 9वी शताब्दी के अंत और 13वी शताब्दी के आरम्भ मे कई निर्माणकार्य और परियोजनाए की गई थी जिनमे से एक का उल्लेख अंग्कोर वट का किया गया था राजा सुर्यवर्मन द्वितीय ने इस विशाल मंदिर का निर्माण कराया तथा इसमे उनके अवशेषो को भी जमा किया जाना था इस मंदिर का निर्माणकार्य तीन दशक तक चला था। इसके बाद सन 1177 मे चाम लोगो द्वारा जो की आधे भारतीय और आधे चीनी थे उन्होने इस मंदिर को बर्खास्त कर दिया जिसके बाद राजा जयवर्मन ने यह निश्चय कर लिया की हिंदु देवी-देवीताओ द्वारा उन्हे विफल कर दिया गया है और जब उन्होने नई राजधानी अंग्कोर थोम बनाई तब उन्होने अंग्कोर वट मंदिर को बौद्ध धर्म को समर्पित कर दिया जिसके बाद यह एक बौद्ध तीर्थस्थल बन गया और मंदिर मे बनाई गई आकृतियो और नक्काशियो को बौद्ध कला से बदल दिया गया बौद्ध धर्म के पहले मंदिर मे हिंदु धर्म के भगवान शिव,ब्रह्मा और विष्णु की पुजा की जाती थी और मुख्य रुप से उन्हे ही समर्पित था। अंग्कोर वट मंदिर मे पांच स्तंभ थे जो मेरु पर्वत को दर्शाते है जो हिंदु मान्यताओ के अनुसार देवी-देवताओ का निवास है। मंदिर की दिवारे उच्चगुणवत्ता की आधाररहित मुर्तियो/स्तंभ से ढक हुइी है जिसमे हिंदु देवताओ और प्राचीन खमेर दृश्यो की आकृति के साथ-साथ महाभारत और रामायण के दृश्य दर्शाए गए है।

देवताओ की आकृति

भगवान विष्णु के कथा का एक दृश्य की नक्काशी

राजा सुर्यवर्मन द्वितीय की आकृति

कुछ अधिक जानकारी(SOME MORE INFORMATION) :- 15वी शताब्दी मे अंग्कोर को अपने हालपर छोड दिया गया था जहाँ थेरवाड के बौद्ध भिक्षुओ ने अंग्कोर वट मंदिर की देखभाल करने का प्रयास किया लेकिन जल रिसाव और जल जमाव ने परिसर ने इसपर प्रभाव डाला जिसे बाद मे सरकार द्वारा वर्ष 1980 मे इसकी मरम्मत का कार्य आरम्भ किया गया और कुछ वस्तुओ को वापस बनाया गया और वर्ष 2004 मे यह खतरे के संकेत से बाहर माना गया और आज यह एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और उनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर मे सम्मिलित किया गया।

अमेरिका (युएस) का सबसे बडा परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र कौन-सा है और कहाँ पर स्थित है ?( WHICH IS THE LARGEST NUCLEAR POWER PLANT OF AMERICA (US) AND WHERE IS IT LOCATED IN HINDI ) - UHP


अमेरिका का सबसे बडा परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र कौन-सा है और कहाँ है ?


palo verde nuclear generating station credit-wikipedia and power-technology.com

अमेरिका के सबसे बडे परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र के बारे (About America's Largest Nuclear Power Plant)


अमेरिका के सबसे बडे परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र का नाम "पालो वर्डे न्युक्लेयर जनरेटिंग स्टेशन(Palo Verde Nuclear Generating Station)" है और यह एरिजोना के टोनोफा(टोनोफा,एरिजोना)(Tonopah,Arizona) मे स्थित है। टोनोफा एरिजोना के पश्चिम के ओर है जिसके कारण यह ऊर्जा सन्यंत्र फिनिक्स शहर से 72 किलोमीटर(42 मील) दूर है। यह ऊर्जा सन्यंत्र विश्व का एकलौता एक परमाणु सन्यंत्र है जो किसी भी बडे जल स्त्रोत से पास नही है यह परमाणू ऊर्जा सन्यंत्र रेतीले क्षेत्र मे स्थित है इसके पास मे सिर्फ गाली नामक नदी है। यह परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र आस-पास के शहर और कस्बो सीवेज ट्रिटेड(SEWAGE TREATED) पानी का उपयोग किया जाता है। पालो वर्डे परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र मे तीन इकाई अथवा युनिट लगाए गए है। इस परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र की कुल क्षमता 3.93 गीगावाट(GW) है और इसका वार्षिक उत्पादन 3.2 करोड मेगावाट-घंटे(32 MILLION MEGAWATT-hours,MWh) की बिजली उत्पादित करता है। इस परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र के मालिक और संचालन सन्युक्त रुप से एरिजोना पावर सर्विस है जिनके पास 29.1 प्रतिशत मालिकाना अधिकार है और इसके अलावा
साल्ट रिवर प्रोजेक्ट(Salt River Project) के पास 17.5%,
एल पासो इलेक्ट्रिक(El Paso Electric) के पास 15.8%,
पब्लिक सर्विस कंपनी ऑफ न्यु मैक्सिको(Public Service Co. Of New Maxico) के पास 10.2%,
साउधर्न कैलिफोर्निया पब्लिक पावर ऑथोरिटी(Southern California Public Power Authority के पास 5.9%,
लॉस एंजिलंस डिपार्टमेंट ऑफ वाटर अ‍ॅण्ड पावर(Los Angles Department Of Water and Power) के पास 5.7% है।

पालो वर्डे न्युक्लेयर जनरेटिंग स्टेशन यह परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र 4000 हजार एकड(Acre) के क्षेत्र मे फैला हुआ है और इसमे कर्मचारियो(Employee) की संख्या 2055 है। यह परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र एरिजोना के 40 लाख घरो को बिजली की आपुर्ति करता है अथवा आस-पास के इलाको का मुख्य स्त्रोत भी यही है।


कुछ अधिक जानकारी(SOME MORE INFORMATION) :- पालो वर्डे न्युक्लेयर जनरेटिंग स्टेशन के लिए यह क्षेत्र बहुत ही विवादास्पद रहा था आलोचको का दावा था की यह क्षेत्र उनकी पहली पसंद नही थी और ऐसा इसलिए था क्योंकी यह क्षेत्र एक रेगिस्तान था,यहाँ पानी आपुर्ति नही के बराबर थी और यहाँ वायु बहुत ही तेह चलती रहती है जिससे यह फिनिक्स और आदि महानगरो को संकट मे डाल देते। इस क्षेत्र को विकल्प के तौरपर चुना गया था इसका कारण यह था की यह किथ तुरले(Keith Turle)(किथ तुरले एरिजोना पावर सर्विस के अध्यक्ष थे) के एक रिश्तेदार के स्वामित्तव मे था। इस परमाणु ऊर्जा सन्यंत्र के तीनो युनिट मे से पहले और दुसरे युनिट को सन 1986 और तीसरे को 1988 से व्यवसायिक तौर पर संचालन किया जाने लगा।

मंगलवार, 21 जुलाई 2020

क्या होता है कर्फ्यु और धारा 144 तथा शूट और साईट किसे कहते है ?( WHAT IS CURFEW AND SECTION 144 AND WHAT IS SHOOT AND SITE IN HINDI) - UHP


कर्फ्यु,धारा 144 किसे कहते है और इसे कब लगाया जाता है तथा शुट अ‍ॅण्ड साइट की आज्ञा कब दी जाती है ?



कर्फ्यु और धारा 144 क्या होती है/ किसे कहते है


कर्फ्यु और धारा 144 दोनो अलग-अलग होते है और हम आपको लॉकडाउन के बारे मे भी बताएंगे। कर्फ्यु, धारा 144 और लॉकडाउन से बहुत अलग है और इसमे बहुत से अधिकार पुलिस-प्रशासन को प्राप्त होते है और इसकी कुछ विशेष बाते भी है। हम आपको शुट और साइट के बारे मे भी बताएंगे और यह भी बताएंगे की इसका उपयोग कब किया जाता है। हमने नीचे एक तालिका निर्माण की है जिसमे कर्फ्यु,धारा 144 तथा लॉकडाउन के बारे मे बताया गया है और इन तीनो मे क्या अंतर है यह भी स्पष्ट किया गया है।

लॉकडाउन,धारा 144 और कर्फ्यु की तालिका :-


लॉकडाउन

धारा 144

कर्फ्यु

लॉकडाउन यह परिस्थितिओ को ध्यान मे रखकर लगाया जाता है जैसे कि कोई प्राकृतिक आपदा आनेपर या बिमारीयो को फैलने से रोकने के लिए होता है।

धारा 144 यह तब लगाई जाती है जब किसी तरह की सुरक्षा संबंधित,स्वास्थ्य संबंधित और साथ-साथ दंगे होने अथवा हिंसा होने की आशंका हो तब इस सीआरपीसी की धारा 144 को लागू किया जाता है।

कर्फ्यु को बहुत ही गंभीर स्थिति मे लगाया जाता है जैसे की आतंकवादी हमला होनेपर,महामारी रोकने के लिए और बार-बार किए जानेवाले हमले या दंगे से निपटने के लिए कर्फ्यु लगाया जाता है

लॉकडाउन मे लोगो घरपर रहने की अपील की जाति है

धारा 144 मे एक जगह पर पांच या उससे ज्यादा व्यक्ति नही रुक सकते

कर्फ्यु मे लोगो को घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंधित कर दिया जाता है लोगो घर मे ही रहना पडता है

आवश्यक वस्तुए जैसे की अस्पताल और बाज़ारो को थोडी देर या इसे खुला रखा जाता है,यातायात बंद कर दिया जाता है

धारा 144 मे किसी भी व्यक्ति को हथियार लाने-ले जानेपर प्रतिबंध होता है पुलिस के अलावा और इसमे यातायात पर प्रतिबंध नही होता

कर्फ्यु मे आव्श्यक वस्तुओ के लिए लोगो को कुछ देर तक छुट दी जाती है जिसमे वह बाज़ार जा सकते है लेकिन लोगो को यह सब सुरक्षा कर्मियो की निगरानी मे करना पडता है और अगर उन्हे स्वास्थ्य संबंधित कोई परेशानी होती है तो उन्हे सुरक्षाकर्मियो अथवा प्रशासन से संपर्क करना पडता है अथवा यातायत पर भी पुर्ण रुप से प्रतिबंध लगाया जाता है

लॉकडाउन का उल्लंघन करनेवालो पर कारवाई की जाती है अथवा दंड भी वसुल किया जा सकता है

अगर कोई व्यक्ति धारा 144 का उल्लंघन करता है तो उसपर दंगे भडकाने का या उसमे शामिल होने का मामला दर्ज किया जा सकता है जिसके अंतर्गत 3 साल तक कैद की सजा भी हो सकती है

कर्फ्यु का भी उल्लंघन करनेवाले व्यक्तियो पर मामला दर्ज होता है और इसमे भी कैद की सजा मिल सकती है और यह सब बहुत ही सख्ती से किया जाता है

इसमे आव्श्यक सेवाओ को चालु रखा जाता है और बाकी सभी बंद किए जाते है मार्केट,कॉलेज,दुकाने(सरकारे इसे कुछ समय के लिए भी खोलने का आदेश दे सकती है)

इसमे सभी सेवाए चालु होती है लेकिन अगर सरकार चाहे तो कुछ सेवाए बंद भी कर सकती है

कर्फ्यु मे बहुत ही आवश्यक सेवाए चालु होती है इसके अलावा सभी बंद कर दी जाती है और नागरिको के अधिकार भी खत्म किए जा सकते है



शुट और साइट किसे कहते है और इसकी आज्ञा कब दी जाती है ?


ऊपर दी गई तालिका मे हमने आपको तीनो मे क्या अंतर है यह बताया इन तीनो परिस्थितियो मे अगर सरकार चाहे तो कुछ बदलाव भी कर सकती है और धारा 144 को एक समयतक ही लागु किया जाता है इसे छह महीने से ज्यादा लागु नही किया जा सकता और अब हम आपको शुट और साइट के बारे मे बताएंगे :-

शुट और साइट को तब लागु किया जाता है जब कोई बडा दंगा हो रहा हो और उस दंगे मे लोग हिंसा नही करनी की अपील को नही सुन रहे है और लोगो को घायल करते ही जा रहे है और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए ही जा रहे है तो पुलिस अथवा सुरक्षाकर्मियो को शुट और साइट की आज्ञा दी जा सकती है। इसे और अच्छे से समझने के लिए एक परिस्थिति के बारे मे सोचे जहाँ कोई आंदोलन चल रहा है और वह आंदोलन कुछ लोगो द्वारा किया जा रहा हो और वह आंदोलन कुछ समय बाद हिंसक हो जाता है और आंदोलनकर्ता सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हो और लोगो को घायल या उनपर जानलेवा हमला कर रहे हो अथवा सुरक्षाकर्मियो पर भी हमला किया जा रहा हो तो ऐसे मे पुलिस सबसे पहले आसु गैस और लोगो से अपील करती है की हिंसा न करे और अपने-अपने घर मे रहे लेकिन अगर आंदोलनकर्ता ऐसा न करके हिंसा करते ही जा रहे हो अथवा परिस्थिति और गंभीर होनेपर पुलिस को शुट और साइट का ऑर्डर/आज्ञा दी जाती है जिसमे पुलिस दंगे करनेवाले और हिंसा करनेवाले लोगो पर गोली चलाती है अथवा उन्हे रोकने के लिए उन्हे घायल भी कर सकती है ताकी लोगो को बचाया जा सके और संपत्ति को नुकसान कम हो।


शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

हिस्ट्रीशीटर किसे कहते है और एक अपराधी को हिस्ट्रीशीटर कब कहा जाता है ?( WHEN A CRIMINAL CALLED HISTORYSHEETAR - IN HINDI ) - UHP

हिस्ट्रीशीटर किसे कहते है और एक अपराधी को हिस्ट्रीशीटर कब कहा जाता है ?


history sheetar kise kahte hai aur kyaa hai iska matalb

हिस्ट्रीशीटर किसे कहते है ?


आपने कई बार पुलिस को या समाचार मे किसी व्यक्ति को हिस्ट्रीशीटर कहते सुना होगा या आपने कई बार सुना होगा की जब कोई व्यक्ति किसी अपराधी की बात करता है तो उसे हिस्ट्रीशीटर कहता तो आज हम इसी के बारे मे बतानेवाले है, हिस्ट्रीशीटर कि उपाधि सिर्फ और सिर्फ एक कुख्यात अपराधी को ही दि जाती है पुलिस या कोर्ट द्वारा जिसका अर्थ यह होता है उस अपराधी ने बहुत से संगीन अपराध किए है और उसने यह कई बार किया है और उसपर आरोपो का अभी-भी(वर्तमान मे भी) मुकदमा चल रहा हो ऐसे अपराधी बहुत ही उच्च अपराधी की श्रेणी मे आते है और ऐसे अपराधी पुलिस से भागते रहते है और छिपते रहते है ताकी वह पकडे ना जाए तथा कभी-कभी ऐसे अपराधी पुलिस के द्वारा किए गए एनकाउंटर मे भी मारे जाते है।

हिस्ट्रीशीटर कब कहा जाता है ?(HOW YOU ARE MADE A APPLICATION)

कोई भी अपराधी जब 10 या 10 से ज्यादा मामले या अपराध करता है और वह उसमे सीधे तौरपर शामिल होता है तो उस अपराधी को कानूनी प्रक्रिया के अनुसार हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया जाता है और उन्हे उच्च अपराध की श्रेणी मे रखा जाता है और इनपर नजर रखी जाती है।





स्त्रोत :- प्रस्तुत जानकारी "कानून कि रोशनी मे" नामक युटुब चैनल से ली गई है। नीचे दिए गए लिंक से आप इस विडियो तक पहुंच सकते है ।


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