शाकाहारी या मांसाहारी इनमे से क्या है मानव जाति ? ( VEGETARIAN OR NON-VEGETARIAN WHICH OF FOLLOWING IS MANKIND ? )
मनुष्य शाकाहारी है या मांसाहारी ( IS MAN A VEGETARIAN OR A NON-VEGETARIAN )
जब भी यह प्रश्न किसी व्यक्ति को आता है तो वह बहुत सोच मे पड जाता है की मानव जाति शाकाहारी है या मांसाहारी और वह इसका उत्तर खोजने लग जाता है लेकिन जब वह इसे खोजता है इंटरनेट पर तो उसे मिश्रित लेख मिलते है जैसे की कुछ लेख मे लिखा होता है की अथवा कई लोग कहते है की मानव जाति मांसाहारी है क्योंकी उसके नुकिले दांत है और मांसाहारी प्राणियो के दांत नुकिले होते है क्योंकि उन्हे मांस को फाडकर खाना पडता है इसलिए और कही-कही आपको यह बताया जाता है की मानवो मे शाकाहार और मांसाहार करनेपर दोनो मे अंतर बताया जाता है जिसमे बताया गया होता है की शाकाहार खानेपर मानवो को बिमारिया आदि कम होती है और मांसाहारा करनेपर मानव को कई बिमारियो का खतरा बन जाता है
लेकिन हम आपको इसके बारे मे बाद मे बताएंगे की शाकाहार करनेवाले मानवो के शरीर और मांसाहार करनेवाले मे से कौन सबसे श्रेष्ठ होता है और किसका आहार करना श्रेष्ठ होता है यह बाते हम आपको अगले लेख मे बताएंगे। आज हम आपको बताएंगे की मानव शाकाहारी है या मांसाहारी तो इसे जानने का एक सर्वोत्तम उपाय शरीर की बनावट है क्योंकी शाकाहारी प्राणियो की बनावट अलग होती है और मांसाहार करनेवाले प्राणियो की बनावट अलग होती है इसके लिए हम आपको नीचे एक तालिका दे रहे है जिसमे शाकाहारी प्राणियो की बनावट और मांसाहारी प्राणियो की बनावट के बारे मे अंतर स्पष्ट किया गया है :-
शाकाहारी और मांसाहारी प्राणियो के बनावट अथवा दोनो मे अंतर स्पष्ट की गई तालिका :-
क्रमांक
शाकाहारी प्राणियो की बनावट
मांसाहारी प्राणियो की बनावट
1
आंखे लम्बी होती है, अंधेरे मे चमकती नही और अंधेरे मे देख नही सकती अथवा जन्म के साथ ही खुलती है।
आंखे गोल होती है, अंधेरे मे देख सकती है और अंधेरे मे चमकती है अथवा जन्म के 5-6 दिन बाद खुलती है।
2
सूंघने की शक्ति कम होती है मांसाहारियो के मुकाबले
सूंघने की शक्ति बहुत अधिक होती है
3
बहुत अधिक आवृत्तिवाली आवाज को नही सुन पाते है।
बहुत अधिक आवृत्तिवाली आवाज को सुन लेते है।
4
दांत और दाढ दोनो होते है, चपटे होते है अथवा एकबार गिर जाने के बाद दोबारा आते है।
दांत नुकीले होते है। सारे मुह मे दांत ही होते है अथवा एकबार ही आते है।
5
ये भोजन को पीसते है, तो इसलिए इनका जबडा ऊपर-नीचे अथवा दाए-बाए भी चलता है।
मांस को फाडकर निगलते है इसलिए इनका जबडा ऊपर-नीचे चलता है।
6
भोजन करते समय एकबार भोजन मुह मे लेने के बाद निगलने तक मुह बंद रखते है।
मांस खाते समय बार-बार मुह को खोलते एंव बंद करते है।
7
जीभ आगे से चौडाई मे कम होती है तथा गोलाईदार होती है।
जीभ आगे से चपटी व पतली होती है और आगे से चौडी होती है।
8
शाकाहारी जीवो की जीभपर टेस्ट बड्ज(Taste Buids) की संख्या अधिक होती है(20.000-30,000 की संख्या मे) मनुष्यो की जीभपर इसकी संख्या 24,000-25,000 तक होती है।
मांसाहारी जीवो की जीभपर टेस्ट बड्ज(Taste Buids) कम होते है(500-2000 की संख्या मे) इसकी सहायता से स्वाद का पहचान की जाती है।
9
मुह की लार क्षारीय(ALKALINE) होती है।
मुह की लार अम्लीय(ACIDIC) होती है।
10
पेट की बनावट बहुकक्षीय होती है। मनुष्य का पेट दो कक्षीय होता है।
पेट की बनावट एक कक्षीय होती है।
11
पाचन संस्थान(मुह से गुदा तक की) की लम्बाई अधिक होती है सामान्यत: शरीर की लम्बाई से 5-6 गुणा होती है।
मांसाहारी प्राणियो के पाचन संस्थान(मुह से गुदा तक की) की लम्बाई कम होती है सामान्यत: शरिर की लम्बाई का 2-3 गुणा होती है।
12
शाकाहारी प्राणियो के पेट के पाचक रस मांसाहारीयो के अंतर मे बहुत कम तेज होते है तथा मानवो के पेट के पाचक रसो की सांद्रता शाकाहारियोवाली होती है।
मांसाहारी प्राणियो के पेट के पाचक रस(सांद्र)
बहुत तेज होते है शाकाहारियो के मुकाबले इनके पाचक रस 12-15 गुणा ज्यादा तेज होते है।
13
छोटी आंत चौडाई मे काफी कम और लम्बाई मे बडी आंत से काफी ज्यादा लम्बी होती है।
मांसाहारी प्राणियो मे छोटी आंत एंव बडी आंत की लम्बाई-चौडाई मे अधिक अंतर नही होता।
14
शाकाहारी प्राणियो मे किण्वन बैक्टीरिया(Fermentation Bacteria) होते है, जो कार्बोहाईड्रेट के पाचन मे सहायक होते है।
मांसाहारी प्राणियो मे कार्बोहाईड्रेट नही होता,इस कारण मांसाहारीयो की आंतो मे किण्वन बैक्टीरिया नही होते है।
15
आंतो मे उभार व गड्डे(Grooves) अर्थात अंदर की बनावट चूडीदार होती है।
आंते पाईपनुमा होती है अर्थात अंदर से सपाट होती है।
16
शाकाहारीयो के लीवर के पाचक रस मे वसा को पचानेवाले पाचक रस की न्युनता होती है, पित को छोडता है तथा तुलनात्मक आधार मे छोटा होता है।
इनका लीवर वसा और प्रोटीन को पचानेवाला पाचक रस अधिक छोडता है, पित को जमा करता है अथवा आकार मे बडा होता है।
17
शाकाहारी प्राणि मांसाहारीयो के मुकाबले अग्राशय अधिक मात्रा मे एंजाईम छोड्ता है।
इनका अग्राशय कम मात्रा मे इंजाईम छोडता है।
18
खून की प्रकृति क्षारीय(ALKALINE) होती है।
खुन की प्रकृति अम्लीय(ACIDIC) होती है।
19
आंतो मे उभार व गड्डे(Grooves) अर्थात अंदर की बनावट चूडीदार होती है।
आंते पाईपनुमा होती है अर्थात अंदर से सपाट होती है।
20
शाकाहारीयो मे गुर्दे(Kidney) मांसाहारीयो की तुलना मे छोटे होते है।
प्रोटिन के पाचन से काफी मात्रा मे युरिया व युरिक अम्ल बनता है जिसे रक्त से काफी मात्रा मे यूरिया आदि को हटाने के लिए बडे आकार के गुर्दे होते है।
21
शाकाहारीयो मे गुदा के ऊपर का भाग रेक्टम होता है।
इनमे रेक्टम नही होता है।
22
शाकाहारी प्राणियो की पीठ पर भार ढो सकते है।
इनकी रिढ की बनावट ऐसी होती है की पीठ पर भार नही ढो सकते।
23
शाकाहारीयो के नाखून चपटे और छोटे होते है।
इनके नाखून आगे से नुकिले गोल और लम्बे होते है।
24
शाकाहारी प्राणि तरल पदार्थ को घुंट-घुंट कर पीते है।
ये तरल पदार्थ को चाटकर पीते है।
25
शाकाहारीयो को पसीना आता है।
इन्हे कोई पसीना नही आता है।
26
शाकाहारी प्राणियो की बच्चे को जन्म देने का समय 6-18 महिने तक का होता है।
मांसाहारी प्राणि 3-6 महिने मे बच्चे को जन्म दे देते है।
27
ये पानी अपेक्षाकृत ज्यादा पीते है।
ये पानी कम पीते है।
28
शाकाहारीयो श्वास लेने की प्रक्रिया धीमी होती है तथा आयु अधिक होती है।
इनमे श्वास लेने प्रक्रिया तेज होती है।
29
यह जीव थकनेपर मुह खोलकर नही हाँफते और गर्मी मे जीभ बाहर नही निकालते।
यह थकने पर व गर्मी मे मुह खोलकर जीभ निकालकर हाँफते है।
30
शाकाहारी रात को सोते है, दिन मे सक्रिय होते है।
प्राय: दिन मे सोते है, रात को जागते व घुमते-फिरते है।
31
यह अपने बच्चे को नही मारते और बच्चे के प्रति हिंसक नही होते है।
यह क्रूर होते है,आवश्यक्ता पडने पर अपने बच्चे को भी मारकर खा सकते है।
32
यह प्राणि दुसरे जानवरो को डराने के लिए गुर्राते नही है।
यह प्राणि दुसरे जानवरो को डराने के लिए गुर्राते है।
33
शाकाहारीयो मे रिस्पटरो की संख्या कम होती है।
इनमे रिस्पटरो की संख्या अधिक होती है, जो ब्लड मे कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करते है।
34
शाकाहारी कच्चा मांस नही खाते अथवा नही खा सकते।
यह किसी भी जानवर को मारकर उसका मांस कच्चा ही खाते है।
35
शाकाहारीयो के मल-मुत्र मे दुर्गंध नही होती है अथवा बहुत कम दुर्गंध होती है।
इन प्राणियो के मल-मुत्र मे दुर्गध होती ही है।
36
शाकाहारीयो के उर्जा प्राप्ति के लिए भिन्न प्रोटीन प्रयोग मे लाए जाते है।
इनके पाचन संस्थान मे पाचन के समय उर्जा प्राप्त करने के लिए अलग प्रकार के प्रोटीन उपयोग मे लाये जाते है जो शाकाहारीयो से भिन्न होते है।
37
शाकाहारीयो के पाचन संस्थान मे जो इंजाईम बनते है वह वनस्पतिजन्य पदार्थो को पचाते है।
इनके पाचन संस्थान मे जो इंजाईम बनते है वह वह मांस का ही पाचन करते है।
38
शाकाहारीयो के शरीर का तापमान मनुष्य के तापमान के आस-पास होता है।
इनका तापमान शाकाहारीयो से कम होता है क्योंकी मांसाहारीयो का बेसिक मेटॉबोलिक रेट(Basic Metabolic Rate,BMR) कम होता है।
कुछ अधिक जानकारी(SOME MORE INFORMATION) :- तालिका मे दी गई जानकारी के अनुसार मानव जाति शाकाहारी है इसके अलावा आप एक और प्रयोग कर सकते है जिसमे आप 1 महिने तक एक जगह शाकाहर रखे और दुसरी ओर मांसाहार और आप कोई भी शाकाहारी या मांसाहारी प्राणि को इसके सामने लाईये अगर प्राणि मांसाहारी है तो वह सिर्फ मांसाहार की खाएगा और यदि शाकाहारी है तो वह शाकाहार ही खाएगा और यदि आपको लगता है की आप एक मांसाहारी प्राणि है तो आप कुछ दिनो/महीने तक आप सिर्फ और सिर्फ मांस ही खाके देखे आपके शरीर पर उसका क्या दुष्प्रभाव पडेगा आप उसे देखकर समझ जाएंगे। यह जानकारी डॉ भूपसिह जो की भौतिक विज्ञान के एक रिटायर्ड एसोशिएट प्रोफेसर है भिवानी,हरियाणा से उन्होने यह जानकारी हाल ही मे प्रस्तुत की थी।
लेकिन हम आपको इसके बारे मे बाद मे बताएंगे की शाकाहार करनेवाले मानवो के शरीर और मांसाहार करनेवाले मे से कौन सबसे श्रेष्ठ होता है और किसका आहार करना श्रेष्ठ होता है यह बाते हम आपको अगले लेख मे बताएंगे। आज हम आपको बताएंगे की मानव शाकाहारी है या मांसाहारी तो इसे जानने का एक सर्वोत्तम उपाय शरीर की बनावट है क्योंकी शाकाहारी प्राणियो की बनावट अलग होती है और मांसाहार करनेवाले प्राणियो की बनावट अलग होती है इसके लिए हम आपको नीचे एक तालिका दे रहे है जिसमे शाकाहारी प्राणियो की बनावट और मांसाहारी प्राणियो की बनावट के बारे मे अंतर स्पष्ट किया गया है :-
शाकाहारी और मांसाहारी प्राणियो के बनावट अथवा दोनो मे अंतर स्पष्ट की गई तालिका :-
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कुछ अधिक जानकारी(SOME MORE INFORMATION) :- तालिका मे दी गई जानकारी के अनुसार मानव जाति शाकाहारी है इसके अलावा आप एक और प्रयोग कर सकते है जिसमे आप 1 महिने तक एक जगह शाकाहर रखे और दुसरी ओर मांसाहार और आप कोई भी शाकाहारी या मांसाहारी प्राणि को इसके सामने लाईये अगर प्राणि मांसाहारी है तो वह सिर्फ मांसाहार की खाएगा और यदि शाकाहारी है तो वह शाकाहार ही खाएगा और यदि आपको लगता है की आप एक मांसाहारी प्राणि है तो आप कुछ दिनो/महीने तक आप सिर्फ और सिर्फ मांस ही खाके देखे आपके शरीर पर उसका क्या दुष्प्रभाव पडेगा आप उसे देखकर समझ जाएंगे। यह जानकारी डॉ भूपसिह जो की भौतिक विज्ञान के एक रिटायर्ड एसोशिएट प्रोफेसर है भिवानी,हरियाणा से उन्होने यह जानकारी हाल ही मे प्रस्तुत की थी।
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