टाइम कैप्सुल अथवा कालपात्र क्या होता है और इसका उपयोग किसलिए किया जाता है ( WHAT IS TIME CAPSULE AND WHAT IS IT USED FOR ? )
टाइम कैप्सुल/कालपात्र के बारे (ABOUT TIME CAPSUL/KAALPAATRA) :-
टाइम कैप्सुल एक प्रकार की वस्तु होती है जो किसी ऐतिहासिक स्थान या महल अथवा मंदिर आदि मे डाला जाता है और इसे इतना मजबूत बनाया जाता है ताकी यह किसी भी परिस्थिति मे टिका रहे इसे धरती के नीचे दबाया जाता है और इसे सैकडो सालो के लिए धरती मे दबा दिया जाता है ताकी इसे भविष्य मे निकाला जा सके। अब आपके मन मे यह प्रश्न आ रहा होगा की इसे क्यू धरती मे दबाया जाता है वो भी सैकडो सालो के लिए और इसे ऐतिहासिक स्थान पर ही क्यू डाला जाता है यह इसलिए किया जाता है ताकी वर्तमान की बाते हमारे आनेवाली पीढियो को बताया जा सके और उन्हे अपने इतिहास के बारे मे बतया जा सके की इतिहास मे उनके यहाँ की राजनीती,अर्थव्यवस्था,उस समय क्या-क्या घटनाए हुई थी आदि की जानकारी उन्हे प्राप्त हो सके।
उदाहरण के लिए जैसे वर्तमान मे आप जी रहे हो और आपने आनेवाली पीढियो को कुछ बताना चाहते हो या उन्हे जानकारीया देना चाहते हो तो आप कैसे देंगे इसके लिए आपको उतना जीना होगा और आपकी आयु भी सीमीत है आपकी मृत्यु तय है और एक सामान्य मानव लगभग 90-100 वर्ष की आयु अधिकतर जीवित होता है तो इसके बाद आप आनेवाली पीढियो को कैसे बताओगे तो इसके आप कालपात्र अथवा टाइम कॅप्सुल का उपयोग कर सकते हो जिसमे आप वर्तमान अथवा इस समय की सारी जानकारिया,अपने बारे मे,अपने देश या वर्तमान स्थिति मे पृथ्वी पर हो रही घटनाओ,इतिहास की जानकारिया आदि बहुत से दस्तावेज या कोई वस्तु को आप इसमे डालकर इसे धरती के नीचे दवा सकते है जिसे आनेवाले 200-300 वर्षो या उससे भी अधिक वर्षो बाद जब खुदाई की जाए तो आपके इस वर्तमान समय के बारे मे भविष्य की पीढियो को पता चले और इसे अधिकतर ऐतिहासिक स्थानपर ही दबाया जाता है लगभग 200 से 300 फिट नीचे ऐसा इसलिए किया जाता है की क्योंकी ऐतिहासिक स्थानो को तोडा या उसे निष्क्रिय नही किया जाता और यदि आप इसे आजकल के किसी इमारत के नीचे दबाएंगे तो इमारत को 90-120 वर्षो मे तोडा जाता है जिसके कारण आपका कालपात्र समय से बहुत जल्द ही लोगो को मिल जाएगा और उस समय हो सकता है की लोग इसके अंदर स्थित वस्तुओ का मोल ना समझे और इसे सामान्य घटना बताए या कह दे तथा इसे फेंक दे लेकिन ऐतिहासिक स्थानो पर ऐसा नही होता है उसे एक धरोहर के रुप मे रखा जाता है और यदि कोई चाहता है की दबाया गया कालपात्र एक निश्चित समय पर निकाला जाए तो ऐसा भी हो सकता है। कालपात्र को इस प्रकार बनाया जाता है कि उसमे सडन-गलन और वर्षो-वर्षो तक कोई क्षति ना हो।
भारत मे कब-कब टाइम कॅप्सुल/कालपात्र का उपयोग किया गया है ?( HOW OFTEN IS THE TIME CAPSULE/KAALPAATRA USED IN INDIA )
कालपात्र का उपयोग पुरा विश्व करता है और खासकर इसका उपयोग देश की सरकार करती है ताकी इतिहास की सही-सही जानकारी स्थित रहे और भारत मे भी इसका उपयोग होता है।
सन 15 अगस्त,1973 मे इंदिरा गांधी जी ने एक टाइम कॅप्सुल को लाल किले के नीचे दबवाया था और उन्होने इसे कालपात्र का नाम दिया था लेकिन बाद मे इसपर विवाद होने से इसे बाद मे निकाल लिया गया था जिसमे भारत की आजादी के बाद के 25 वर्षो की जानकारी रखी गई थी लेकिन इसे समय से पहले अथवा 6-8 वर्षो के अंदर ही निकाल लिया गया था और अब वर्तमान समय मे भारत मे स्थित राममंदिर के पुन:निर्माण मे जब इसका कार्य आरम्भ होगा तब इसमे 200 फिट नीचे एक कालपात्र डाला जाएगा ऐसा भारत की सरकार ने निश्चय किया है।
उदाहरण के लिए जैसे वर्तमान मे आप जी रहे हो और आपने आनेवाली पीढियो को कुछ बताना चाहते हो या उन्हे जानकारीया देना चाहते हो तो आप कैसे देंगे इसके लिए आपको उतना जीना होगा और आपकी आयु भी सीमीत है आपकी मृत्यु तय है और एक सामान्य मानव लगभग 90-100 वर्ष की आयु अधिकतर जीवित होता है तो इसके बाद आप आनेवाली पीढियो को कैसे बताओगे तो इसके आप कालपात्र अथवा टाइम कॅप्सुल का उपयोग कर सकते हो जिसमे आप वर्तमान अथवा इस समय की सारी जानकारिया,अपने बारे मे,अपने देश या वर्तमान स्थिति मे पृथ्वी पर हो रही घटनाओ,इतिहास की जानकारिया आदि बहुत से दस्तावेज या कोई वस्तु को आप इसमे डालकर इसे धरती के नीचे दवा सकते है जिसे आनेवाले 200-300 वर्षो या उससे भी अधिक वर्षो बाद जब खुदाई की जाए तो आपके इस वर्तमान समय के बारे मे भविष्य की पीढियो को पता चले और इसे अधिकतर ऐतिहासिक स्थानपर ही दबाया जाता है लगभग 200 से 300 फिट नीचे ऐसा इसलिए किया जाता है की क्योंकी ऐतिहासिक स्थानो को तोडा या उसे निष्क्रिय नही किया जाता और यदि आप इसे आजकल के किसी इमारत के नीचे दबाएंगे तो इमारत को 90-120 वर्षो मे तोडा जाता है जिसके कारण आपका कालपात्र समय से बहुत जल्द ही लोगो को मिल जाएगा और उस समय हो सकता है की लोग इसके अंदर स्थित वस्तुओ का मोल ना समझे और इसे सामान्य घटना बताए या कह दे तथा इसे फेंक दे लेकिन ऐतिहासिक स्थानो पर ऐसा नही होता है उसे एक धरोहर के रुप मे रखा जाता है और यदि कोई चाहता है की दबाया गया कालपात्र एक निश्चित समय पर निकाला जाए तो ऐसा भी हो सकता है। कालपात्र को इस प्रकार बनाया जाता है कि उसमे सडन-गलन और वर्षो-वर्षो तक कोई क्षति ना हो।
भारत मे कब-कब टाइम कॅप्सुल/कालपात्र का उपयोग किया गया है ?( HOW OFTEN IS THE TIME CAPSULE/KAALPAATRA USED IN INDIA )
कालपात्र का उपयोग पुरा विश्व करता है और खासकर इसका उपयोग देश की सरकार करती है ताकी इतिहास की सही-सही जानकारी स्थित रहे और भारत मे भी इसका उपयोग होता है। सन 15 अगस्त,1973 मे इंदिरा गांधी जी ने एक टाइम कॅप्सुल को लाल किले के नीचे दबवाया था और उन्होने इसे कालपात्र का नाम दिया था लेकिन बाद मे इसपर विवाद होने से इसे बाद मे निकाल लिया गया था जिसमे भारत की आजादी के बाद के 25 वर्षो की जानकारी रखी गई थी लेकिन इसे समय से पहले अथवा 6-8 वर्षो के अंदर ही निकाल लिया गया था और अब वर्तमान समय मे भारत मे स्थित राममंदिर के पुन:निर्माण मे जब इसका कार्य आरम्भ होगा तब इसमे 200 फिट नीचे एक कालपात्र डाला जाएगा ऐसा भारत की सरकार ने निश्चय किया है।
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