शुक्रवार, 27 मार्च 2020

पसीने से बदबू आने का क्या कारण है जाने हिंदी मे (WHY DOES OUR BODY SMELL WITH SWEAT)(IN HINDI) - UNIQUE HINDI POST

हमारे शरीर के पसीने से बदबू क्यू आती है (WHY DOES OUR BODY SMELL WITH SWEAT)



पसीने से बदबू आना -


अधिकतर कई लोगो के पसीने से बदबू आती है जिससे आस-पास के लोग और खुद वह आदमी परेशान हो जाता है ऐसे मे यह सवाल आता होगा की पसीने से बदबू क्यू आती है। पसीने की कोई गंध नही होती है तो यह सोचना बंद कर दे की पसीना ही बदबूदार है ऐसा नही है, पसीने से बदबू तब आती वैसे इसके कई कारण है लेकिन हम आपको शारीरिक कारण बता रहे है पहले तो बदबू तब आती है पसीने से जब इसमे शरीर के बॅक्टीरिया मिल जाते है अथवा शरीर मे पानी की मात्रा कम होने से भी पसीने से बदबू आती है इसके अलावा जब हम तनाव लेते या तनाव मे होते है तब पसीना निकलता है इसके अलावा उसी समय कार्टिसोल नामक हार्मोन निकलता है और इन दोनो के एक साथ निकलने के कारण बदबू आती है।

यह भी कारण है पसीने से बदबू आने का (WHY DO WE SWEAT)

सामान्यत: हमारे शरीर का तापमान लगभग 98.6 डिग्री फारेनहाइट(F) होता है और जब तापमान इससे ज्यादा हो जाता है तो हमे पसीना आना शुरु हो जाता है अथवा कभी-कभी तापमान बढ जानेपर बुखार आ जाता है, बुखार आना यह संकेत होता है की शरीर के अंदर वह किटाणुओ से लड रहा है जो शरीर को आगे जाकर नुकसान या हानि पहुंचा सकते है। आपने कभी-ना-कभी ध्यान दिया होगा कि बुखार जाने के कुछ समय पहले पसीना निकलता है यह बुखार का कार्य पुरा होने के बाद शरीर अपने पसीने की ग्रंथियो को शुरु कर देता है जिससे शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है। हमारे शरीर मे पसीने की ग्रंथिया की संख्या पच्चीस लाख या इससे ज्यादा होती है।

पसीने मे बदबू इन कारणो से भी आती है ( THIS IS ALSO THE REASON WHY THE SWEAT SMELLS BAD)

कपडो की वजह से(पसीना नही सोखनेवाले कपडो से)
एंटी बॅक्टीरियल इत्र की वजह से
बहुत अधिक दवाईया खाने से
मसालेदार खाने से

गुरुवार, 26 मार्च 2020

पसीना आने का क्या कारण है( WHAT REASON DO WE SWEAT) जाने हिंदी मे (IN HINDI) - UNIQUE HINDI POST

हमे पसीना क्यू आता है (WHY DO WE SWEAT)



पसीने के बारे कुछ बाते(ABOUT SWEAT) -


पसीना आना यह एक शारीरिक प्रक्रिया है जो बहुत ही आवश्यक प्रक्रिया है। पसीना निकलना एक तरह से शरीर के लिए एसी अथवा कुलर का कार्य करता है और जब पसीना निकलता है उसके साथ मे विषाक्त(विषैले) पदार्थ बाहर निकल जाते है।

पसीना क्यू आता है (WHY DO WE SWEAT)

सामान्यत: हमारे शरीर का तापमान लगभग 98.6 डिग्री फारेनहाइट(F) होता है और जब तापमान इससे ज्यादा हो जाता है तो हमे पसीना आना शुरु हो जाता है अथवा कभी-कभी तापमान बढ जानेपर बुखार आ जाता है, बुखार आना यह संकेत होता है की शरीर के अंदर वह किटाणुओ से लड रहा है जो शरीर को आगे जाकर नुकसान या हानि पहुंचा सकते है। आपने कभी-ना-कभी ध्यान दिया होगा कि बुखार जाने के कुछ समय पहले पसीना निकलता है यह बुखार का कार्य पुरा होने के बाद शरीर अपने पसीने की ग्रंथियो को शुरु कर देता है जिससे शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है। हमारे शरीर मे पसीने की ग्रंथिया की संख्या पच्चीस लाख या इससे ज्यादा होती है।

पसीना इन कारणो से भी आता है (ALSO THESE REASONS DO WE SWEAT)

गर्म खाना या मसालेदार खाने से
तनाव होनेपर
कसरत,जिम या योगा करनेपर
सिगरेट पीनेपर
दवा खाने पर
गर्मी या उमस मे (मौसम के कारण)


रविवार, 22 मार्च 2020

तोप का आविष्कार कहाँ और कब हुआ अथवा किसने किया था (WHO INVENTED CANNON AND WHEN,WHERE ITS MADE)(IN HINDI) - unique hindi post

तोप का आविष्कार कहाँ और कब हुआ अथवा किसने किया था (WHO INVENTED CANNON AND WHEN,WHERE ITS MADE)



तोप के बारे मे (ABOUT CANNONS)


तोप यह युद्ध करने के तरीके और युद्ध के मैदान मे बहुत ही घातक हथियार था और यह इतना शक्तिशाली इसे सबसे ज्यादा किले तोडने मे किया जाता था। तोप का गोला लोहे का होता था और तोप एक प्रकार की नली होती है मोटी-सी जिसमे पहले बारुद भारी मात्रा मे भरा जाता है और उसके बाद उसमे तोप का गोला डाला जाता है और तोप के आखरी हिस्से मे एक कपडा डाल के रखा जाता जिसमे बारुद लगाया जाता है(यह बारुद लगानेवाली प्रक्रिया सभी राजा अपने-अपने हिसाब से करते थे) और उस कपडे को आग लगाया जाता था जिससे वह आग बारुद तक पहुंच जाती थी और वह पुरे बारुद को तुरंत जलाकर एक विस्फोट पैदा कर दिया जाता था जिसके कारण गोने पर पुरा प्रभाव पडता था और वह तेजी से बाहर निकलता था और किले दीवारो को तोड देता था। आज तोप का आधुनिकीकरण बहुत ही उच्च स्तर पर हो गया है और यह आज किसी भी देश की सेना के लिए बहुत ही अहम हथियार है इसका सबसे घातक इस्तेमाल राजाओ ने किया लेकिन प्रथम विश्व युद्ध मे भी इसका उपयोग किया गया और बहुत क्षति पहुचाई गई। आज हम तोप का पुरा इतिहास देंखेंगे की इसकी खोज किसने की कब की और कैसे यह पुरे विश्व मे फैला।

तोप की खोज किसने की और कब (WHO INVENTED CANNONS AND WHOM INVENTED)

तोप का आविष्कार सबसे पहले चीन मे हुई जब चीनीओ ने बारुद का आविष्कार किया, बारुद का आविष्कार 9वी शताब्दी मे हुआ था। तोप यह चीनिओ ने 12वी शताब्दी मे खोज निकाला और यह 13-14 वी मे यह पुरे विश्व मे फैल गया। चीनीओ सबसे पहले बारुद का आविष्कार किया उसके बाद वह उसपर परीक्षण किया और शुरुआत मे उन्होने बारुद को एक लम्बे बांस मे डाला और उसके बाद उन्होने उसके अंदर कुछ पत्थर के टुकडे डाले और उसे उन्होने जलाया और उन्होने देखा की बारुद के जलने के बाद पत्थर बहुत तेजी से बाहर निकले और यहाँ से आरम्भ हुआ तोप के निर्माण का और इसी से प्रेरित होकर बाद मे राइफल बंदुक का निर्माण होनेवाला था। चीनीओ ने बारुद का उपयोग करके रॉकेट का निर्माण भी किया।

तोप विश्व मे कैसे फैला (HOW CANNONS GOES AROUND THE WORLD)

तोप का उपयोग चीन के लोगो ने युद्ध मे करना आरम्भ किया और जब चीन पर मंगोलो का आगमन हुआ फिर मंगोलो ने इसे युद्ध मे उपयोग किया। यह धीरे-धीरे पुरे विश्व मे फैलने लगा था, भारत पर जब मंगोलो ने उत्तर से आक्रमण किया तब भारत के उत्तर मे दिल्ली पर अलाहुद्दिन खिलजी का राज था तब मंगोलो ने उस युद्ध मे तोपो का उपयोग किया लेकिन युद्ध मे मंगोल हार गए थे लेकिन उन्होने भारत मे तोप जैसे हथियार से अवगत कराया। धीरे-धीरे तोप यह युद्ध के मैदान मे बहुत ही अहम हथियार साबित हुआ और शताब्दी दर शताब्दी इसे बेहतर किया जाता रहा।

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